आज से इन महिलाओं को 450 रुपए में मिलेगा गैस सिलेंडर get gas cylinders

By Ankita Shinde

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get gas cylinders आज के समय में द्रवीभूत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) का उपयोग भारत में केवल खाना पकाने तक सीमित नहीं रह गया है। यह ऊर्जा स्रोत अब घरेलू कार्यों से लेकर व्यावसायिक, औद्योगिक और परिवहन सेवाओं तक व्यापक रूप से उपयोग में लाया जा रहा है।

एलपीजी एक विशेष मिश्रण है जिसमें प्रोपेन और ब्यूटेन गैसों का संयोजन होता है। इसे अधिक दबाव और निम्न तापमान में तरल अवस्था में संग्रहीत किया जाता है। इस ईंधन का उपयोग न केवल दैनिक जीवन को सुविधाजनक बनाता है, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी है।

सरकारी पहल की महत्वता

केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गीय महिलाओं को स्वच्छ और सुरक्षित ईंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का शुभारंभ किया गया। इस कल्याणकारी योजना के अंतर्गत प्रत्येक सिलेंडर पर ₹450 की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। योजना का मुख्य लक्ष्य महिलाओं को लकड़ी, उपले और अन्य पारंपरिक ईंधनों से दूर करके एलपीजी के सुरक्षित विकल्प की ओर प्रेरित करना है।

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उज्ज्वला योजना की प्रमुख विशेषताएं

इस कल्याणकारी योजना के अंतर्गत योग्य महिला लाभार्थियों को गैस कनेक्शन और सिलेंडर की खरीद पर आर्थिक सब्सिडी का लाभ मिलता है। राजस्थान राज्य में यह योजना 1 अप्रैल 2023 से संपूर्ण रूप से क्रियान्वित की गई है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को इस योजना के सफल कार्यान्वयन की संपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।

योजना की उपलब्धियों का विश्लेषण

वर्ष 2025 तक की स्थिति के अनुसार, इस योजना की सफलता के आंकड़े अत्यंत प्रभावशाली हैं। संपूर्ण देश में 10.30 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन इस योजना के माध्यम से वितरित किए जा चुके हैं। इनमें से लगभग 9 करोड़ परिवार नियमित आधार पर गैस रिफिल की सेवा का उपयोग कर रहे हैं। ये सांख्यिकीय आंकड़े योजना की व्यापक पहुंच और प्रभावकारिता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।

एलपीजी सिलेंडर की विविधता

बाजार में विभिन्न प्रकार के एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध हैं। घरेलू उपयोग के लिए 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर प्रयोग में लाया जाता है, जो मुख्यतः रसोई के कार्यों के लिए उपयुक्त होता है। वहीं व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए 19 किलोग्राम का सिलेंडर उपलब्ध है, जिसका उपयोग होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे और अन्य व्यावसायिक स्थानों पर किया जाता है।

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योजना की पात्रता मापदंड

इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिला आवेदकों को निर्धारित श्रेणियों में आना आवश्यक है। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली (BPL), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (SC/ST) की महिलाएं इस योजना के लिए पात्र हैं। यह व्यापक पात्रता मापदंड समाज के विभिन्न वर्गों को योजना का लाभ उठाने का अवसर प्रदान करता है।

आवश्यक प्रलेखन

उज्ज्वला योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया हेतु महिला आवेदकों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं। इनमें जन आधार कार्ड या भामाशाह कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पंजीकृत मोबाइल नंबर, और यदि पूर्व में गैस कनेक्शन है तो उसकी पासबुक शामिल है। विशेष महत्व की बात यह है कि जन आधार या भामाशाह कार्ड का बैंक खाते से संबद्ध होना आवश्यक है ताकि सब्सिडी की राशि प्रत्यक्ष रूप से स्थानांतरित हो सके।

सब्सिडी वितरण की आधुनिक प्रणाली

प्रत्येक सिलेंडर पर ₹450 की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। यह राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में जमा होती है। उपभोक्ता को प्रारंभ में संपूर्ण राशि का भुगतान करना होता है, बाद में सब्सिडी की राशि उनके बैंक खाते में वापस आ जाती है। यह पारदर्शी व्यवस्था भ्रष्टाचार की संभावनाओं को कम करती है।

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इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी की आवश्यकता

यदि किसी लाभार्थी की एलपीजी पहचान संख्या जन आधार या भामाशाह कार्ड से संबद्ध नहीं है, तो ई-केवाईसी प्रक्रिया अनिवार्य है। इसके लिए निकटतम ई-मित्र केंद्र, गैस एजेंसी, या साइबर कैफे की सहायता ली जा सकती है। यह प्रक्रिया मोबाइल OTP के माध्यम से सत्यापित की जाती है, जो सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है।

योजना के बहुआयामी लाभ

इस योजना के अनेक सामाजिक और आर्थिक लाभ हैं। आर्थिक दृष्टि से प्रत्येक सिलेंडर पर ₹450 की सब्सिडी परिवारों को खाना पकाने में होने वाले खर्च में काफी राहत प्रदान करती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से, पारंपरिक ईंधनों से निकलने वाले धुएं से बचाव के कारण महिलाओं के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है। पर्यावरणीय संरक्षण के लिहाज से, लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधनों की तुलना में एलपीजी से कम प्रदूषण होता है।

समय और श्रम की बचत

इस योजना से महिलाओं को ईंधन एकत्रित करने की मेहनत से मुक्ति मिली है, जिससे उनके समय की महत्वपूर्ण बचत होती है। यह समय वे अन्य उत्पादक कार्यों में लगा सकती हैं। महिला सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से, इस योजना ने घरेलू निर्णयों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया है।

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राज्य सरकार की नवीन घोषणाएं

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जी ने योजना को और भी मजबूत बनाने की घोषणा की है। इसके अंतर्गत सौर ऊर्जा सिस्टम पर भी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर ₹30,000, 2 किलोवाट पर ₹60,000, और 3 किलोवाट या उससे अधिक क्षमता पर ₹78,000 तक की सब्सिडी उपलब्ध है। इसके साथ ही रियायती ब्याज दर पर बैंक लोन की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।

सौर ऊर्जा से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को बेचकर परिवारों को अतिरिक्त आमदनी का अवसर भी मिलेगा। यह द्विआयामी लाभ – ऊर्जा की बचत और आय में वृद्धि – परिवारों की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार लाने में सहायक होगा।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना न केवल एक कल्याणकारी योजना है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसकी सफलता के आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि सही दिशा में उठाए गए कदम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

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अस्वीकरण: उपरोक्त जानकारी इंटरनेट प्लेटफॉर्म से प्राप्त की गई है। हम इस बात की 100% गारंटी नहीं देते कि यह समाचार पूर्णतः सत्य है। अतः कृपया सोच-समझकर और संबंधित सरकारी विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से पुष्टि करने के बाद ही कोई भी प्रक्रिया अपनाएं।

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