School Holiday Extended उत्तर प्रदेश में इस साल पड़ने वाली चरम गर्मी ने राज्य सरकार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने पर विवश कर दिया है। प्रदेश भर में बढ़ते तापमान और लू की लहरों को देखते हुए, योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों की गर्मी की छुट्टियों को 30 जून 2025 तक बढ़ाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह निर्णय विशेष रूप से छात्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
मौसम की मार और सरकारी पहल
इस वर्ष उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार कर गया है। कई स्थानों पर पारा 47-48 डिग्री तक पहुंच गया है, जो बच्चों के लिए अत्यधिक हानिकारक साबित हो रहा था। इस असहनीय गर्मी में स्कूल जाना छोटे बच्चों के लिए एक चुनौती बन गया था। कई बच्चे स्कूल पहुंचने से पहले ही डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक के शिकार हो रहे थे।
प्रारंभिक योजना के अनुसार, स्कूली छुट्टियां 15 जून तक निर्धारित थीं और 16 जून से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होना था। लेकिन मौसम विभाग की रिपोर्ट और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के बाद, सरकार ने छुट्टियों को अतिरिक्त 15 दिन बढ़ाने का निर्णय लिया है।
शिक्षा विभाग का आधिकारिक आदेश
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य के सभी परिषदीय विद्यालय 1 जुलाई 2025 से पुनः संचालित होंगे। इस आदेश में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि कोई भी स्कूल इस निर्देश का उल्लंघन करते हुए 30 जून से पहले छात्रों को बुलाता है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश राज्य के लगभग 1.8 लाख सरकारी स्कूलों पर लागू होता है, जिसमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और मिडिल स्कूल शामिल हैं। इससे करोड़ों छात्र-छात्राओं को लाभ होगा।
शिक्षकों के लिए अलग व्यवस्था
हालांकि छात्रों को अतिरिक्त छुट्टी मिली है, लेकिन शिक्षकों और स्कूल स्टाफ के लिए स्थिति अलग है। आदेश के अनुसार, सभी शिक्षक, शिक्षामित्र और सहायक कर्मचारी 16 जून से अपनी नियमित ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे। उन्हें स्कूल में उपस्थित रहकर विभिन्न शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों को पूरा करना होगा।
इस अवधि में शिक्षकों को पाठ्यक्रम की योजना बनाना, शैक्षणिक रिकॉर्ड तैयार करना, नए सत्र की तैयारी करना और स्कूल के बुनियादी ढांचे की जांच करनी होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जब छात्र वापस आएं तो स्कूल पूर्ण रूप से तैयार हो।
स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं और सुरक्षा उपाय
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक गर्मी बच्चों के लिए कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। डिहाइड्रेशन, हीट एग्जॉस्चन, हीट स्ट्रोक, और श्वसन संबंधी समस्याएं मुख्य चिंता के विषय हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पर्याप्त कूलिंग सिस्टम या वेंटिलेशन की कमी के कारण स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
सरकार का यह निर्णय न केवल तत्काल राहत प्रदान करता है बल्कि भविष्य में भी इस प्रकार की स्थितियों से निपटने के लिए एक मिसाल भी स्थापित करता है।
पालकों की प्रतिक्रिया और सामाजिक प्रभाव
अभिभावकों ने इस निर्णय का व्यापक स्वागत किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हजारों पालकों ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है। कई अभिभावकों ने कहा है कि यह फैसला समय की मांग थी और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए सरकार की सराहना की है।
शैक्षणिक नुकसान की भरपाई की योजना
छुट्टियों के विस्तार से होने वाली शैक्षणिक हानि की भरपाई के लिए शिक्षा विभाग विभिन्न रणनीतियों पर काम कर रहा है। इसमें शामिल है:
विशेष कक्षाओं का आयोजन: जुलाई और अगस्त महीने में अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं।
गृहकार्य आधारित शिक्षा: छात्रों को घर पर अध्ययन के लिए विशेष प्रोजेक्ट और असाइनमेंट दिए जाएंगे।
तीव्र पाठ्यक्रम संचालन: स्कूल खुलने के बाद पाठ्यक्रम को तेज गति से पूरा करने की योजना है।
समय सारणी में संशोधन: दैनिक स्कूल के घंटों में वृद्धि या साप्ताहिक अवकाश में कमी की जा सकती है।
निजी स्कूलों पर प्रभाव
यद्यपि यह आदेश मुख्यतः सरकारी स्कूलों के लिए है, लेकिन कई निजी स्कूल भी इस निर्णय का अनुसरण कर रहे हैं। राज्य के प्रमुख निजी स्कूल संचालकों ने भी छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए अपने स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाने पर विचार किया है।
भविष्य की तैयारी और सुझाव
इस अवधि में छात्रों को निम्नलिखित सुझावों पर अमल करना चाहिए:
- नियमित स्व-अध्ययन जारी रखें
- स्कूल से प्राप्त गृहकार्य को समय पर पूरा करें
- स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और पर्याप्त पानी पिएं
- इंडोर गतिविधियों में भाग लें और बाहरी खेलों से बचें
- पुस्तकालय अध्ययन और ऑनलाइन शिक्षा संसाधनों का उपयोग करें
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय दिखाता है कि जब बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की बात आती है, तो कोई भी समझौता स्वीकार्य नहीं है। यह एक दूरदर्शी और संवेदनशील कदम है जो न केवल तत्काल राहत प्रदान करता है बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिए भी एक उदाहरण स्थापित करता है। इस निर्णय से लाखों छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे और उनकी शैक्षणिक यात्रा में कोई व्यवधान नहीं आएगा।
अस्वीकरण: उपरोक्त जानकारी इंटरनेट प्लेटफॉर्म से ली गई है। हम इस बात की 100% गारंटी नहीं देते कि यह समाचार पूर्णतः सत्य है। अतः कृपया सोच-समझकर आगे की प्रक्रिया करें और आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करने के बाद ही किसी भी निर्णय पर पहुंचें।