Indian Currency Notes हाल के महीनों में देशभर में ₹10 और ₹20 मूल्य के करेंसी नोट्स एवं सिक्कों को लेकर व्यापक भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई थी। विभिन्न सामाजिक मंचों और कुछ समाचार माध्यमों में यह दावे प्रसारित हो रहे थे कि इन मुद्राओं को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वापस लिया जा रहा है और जल्द ही ये प्रचलन से बाहर हो जाएंगे।
इन अटकलों ने आम नागरिकों के मन में गहरी चिंता पैदा कर दी थी, विशेषकर उन करोड़ों लोगों के बीच जो दैनिक लेन-देन में इन छोटे मूल्यवर्गीय नोटों और सिक्कों का नियमित उपयोग करते हैं। छोटे व्यापारी, रेहड़ी-पटरी वाले विक्रेता और सामान्य उपभोक्ता इस स्थिति को लेकर विशेष रूप से परेशान थे।
संसदीय मंच पर सरकारी स्पष्टीकरण
इस व्यापक भ्रम को दूर करने के लिए भारत सरकार ने संसद के पटल पर एक विस्तृत और स्पष्ट बयान प्रस्तुत किया है। लोकसभा में उठाए गए प्रश्नों के उत्तर में वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने इस विषय पर पूर्ण स्पष्टता प्रदान की है।
मंत्रालय के अधिकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ₹10 और ₹20 मूल्यवर्ग के नोट और सिक्के न तो रद्द किए गए हैं और न ही इन्हें भारतीय मुद्रा प्रणाली से हटाने की कोई योजना है। यह बयान उन सभी अफवाहों को निराधार साबित करता है जो सामाजिक मीडिया पर व्यापक रूप से फैल रही थीं।
दस रुपये के नोटों की प्रचलन स्थिति
वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 31 दिसंबर 2024 की स्थिति में ₹10 मूल्य के 2.52 करोड़ से अधिक नोट भारतीय अर्थव्यवस्था में सक्रिय प्रचलन में थे। इन नोटों का कुल मौद्रिक मूल्य ₹25,289 करोड़ के बराबर है, जो इनकी व्यापक उपयोगिता को दर्शाता है।
इसके साथ ही ₹10 मूल्य के 79,502 लाख सिक्के भी बाजार में सक्रिय रूप से उपयोग में हैं। इन सिक्कों का संयुक्त मौद्रिक मूल्य लगभग ₹7,950 करोड़ है। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि दस रुपये के नोट और सिक्के न केवल वैध हैं बल्कि भारतीय मुद्रा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
बीस रुपये के नोटों पर आधिकारिक स्थिति
₹20 मूल्यवर्ग के नोटों को लेकर जो विशेष चर्चा थी, उसके संदर्भ में संसद में एक स्पष्ट प्रश्न उठाया गया था। सांसदों ने जानना चाहा था कि क्या सरकार ने ₹20 के नए नोटों की मुद्रण प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है।
इस महत्वपूर्ण प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट और निर्विवाद शब्दों में कहा कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसका स्पष्ट अर्थ यह है कि ₹20 के नोटों की छपाई पूर्व की भांति जारी है और ये नोट भारतीय मुद्रा प्रणाली में पूर्ण रूप से वैध एवं स्वीकार्य हैं।
यह आधिकारिक बयान उन सभी अनुमानों और अफवाहों को पूर्णतः खारिज करता है जिनमें दावा किया जा रहा था कि भारत सरकार ने ₹20 के नोटों के उत्पादन को बंद करने का फैसला लिया है।
बीस रुपये के सिक्कों का इतिहास और विकास
₹20 मूल्य के सिक्कों का भारतीय मुद्रा प्रणाली में प्रवेश एक अपेक्षाकृत नया विकास है। इन सिक्कों को पहली बार वर्ष 2020 में जनता के लिए जारी किया गया था। इस नई मुद्रा का डिजाइन भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान को दर्शाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया था।
इन सिक्कों की सबसे विशिष्ट विशेषता इनका 12 किनारों वाला अनोखा आकार है, जो इन्हें अन्य परंपरागत गोल सिक्कों से अलग बनाता है। सिक्के के मध्य भाग में अनाज की आकृति उत्कीर्ण की गई है, जो भारत के कृषि-प्रधान चरित्र और किसानों के योगदान को सम्मानित करती है।
यह डिजाइन इस बात का प्रतीक है कि भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की मौलिक भूमिका है और किसान हमारी आर्थिक संरचना की रीढ़ हैं।
नई मुद्रा श्रृंखला की विशेषताएं
₹20 के सिक्कों के साथ-साथ, भारत सरकार ने एक संपूर्ण नई मुद्रा श्रृंखला का प्रारंभ किया था। इस श्रृंखला में ₹1, ₹2, ₹5 और ₹10 मूल्य के सिक्कों के नवीन संस्करण भी शामिल किए गए थे।
इन अन्य सिक्कों को पारंपरिक गोल आकार में डिजाइन किया गया था, लेकिन इनकी एक विशेष पहचान यह थी कि इन पर मूल्य देवनागरी लिपि में स्पष्ट रूप से अंकित किया गया था। यह भाषाई समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
बीस रुपये के सिक्के की तकनीकी विशिष्टताएं
₹20 के नए सिक्के की भौतिक विशेषताओं को अत्यधिक सोच-समझकर निर्धारित किया गया है। इसका कुल भार 8.54 ग्राम रखा गया है, जो इसे हल्का और उपयोग में सुविधाजनक बनाता है। सिक्के का व्यास 27 मिलीमीटर है, जो इसे पहचानने और संभालने में आसान बनाता है।
सिक्के की संरचना में द्विधातु प्रणाली का उपयोग किया गया है। बाहरी रिंग निकेल सिल्वर से निर्मित है, जबकि भीतरी कोर निकेल ब्रास से बना है। यह संयोजन सिक्के को टिकाऊ बनाता है और नकली सिक्कों के निर्माण को कठिन बनाता है।
सिक्के के मुख्य भाग पर भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का सिंह शीर्ष उत्कीर्ण है। इसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य अंकित है। सिक्के की बाईं ओर ‘भारत’ देवनागरी में और दाईं ओर ‘India’ रोमन लिपि में लिखा गया है।
समावेशी डिजाइन की विशेषताएं
इन नए सिक्कों को डिजाइन करते समय विशेष ध्यान दिया गया है कि ये सभी वर्गों के लोगों के लिए उपयोगी हों। विशेष रूप से दृष्टि-बाधित व्यक्तियों और वृद्धजनों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है।
12 किनारों वाला अनूठा आकार स्पर्श से पहचान में सहायक है। यह डिजाइन सुनिश्चित करता है कि दृष्टिहीन व्यक्ति भी इन सिक्कों को आसानी से पहचान सकें और अन्य सिक्कों से अलग कर सकें।
अफवाहों के विरुद्ध सरकारी अपील
भारत सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि ₹10 और ₹20 के नोट तथा सिक्के पूर्णतः वैध हैं और इनके उपयोग पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है। बाजार में कभी-कभार इनकी उपलब्धता में कमी मुद्रण चक्र या मांग-आपूर्ति के सामान्य कारकों से हो सकती है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि ये मुद्राएं अवैध हो गई हैं।
सरकार ने नागरिकों से विशेष अपील की है कि वे सामाजिक मीडिया पर फैल रही भ्रामक सूचनाओं पर विश्वास न करें। किसी भी मुद्रा संबंधी जानकारी के लिए केवल सरकारी स्रोतों या प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से ही जानकारी प्राप्त करें।
भारत सरकार के इस स्पष्टीकरण से देशभर के करोड़ों नागरिकों को राहत मिली है। ₹10 और ₹20 के नोट और सिक्के भारतीय मुद्रा प्रणाली के महत्वपूर्ण घटक हैं और आने वाले समय में भी इनका उपयोग जारी रहेगा।
यह घटना हमें सिखाती है कि किसी भी प्रकार की वित्तीय जानकारी के लिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करना चाहिए। अफवाहों और अटकलों से बचकर तथ्यपरक जानकारी पर आधारित निर्णय लेना आवश्यक है।
अस्वीकरण: प्रस्तुत लेख इंटरनेट प्लेटफॉर्म से उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। हम इस बात की पूर्ण गारंटी नहीं दे सकते कि उपरोक्त समस्त समाचार 100% सत्य और सटीक हैं। अतः पाठकों से अनुरोध है कि कोई भी वित्तीय या व्यावहारिक निर्णय लेने से पूर्व सोच-विचार करें और संबंधित विषय की आधिकारिक जानकारी प्राप्त करने के बाद ही आगे की प्रक्रिया अपनाएं। मुद्रा संबंधी नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए कृपया भारतीय रिजर्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या वित्त मंत्रालय के आधिकारिक बयानों का सहारा लें।