जमीन रजिस्ट्रेशन के नियमों में 4 बड़े बदलाव! प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने से पहले जान लें Land Registry New Rules

By Ankita Shinde

Published On:

Land Registry New Rules भारत में संपत्ति और भूमि की पंजीकरण प्रणाली में वर्षों से व्याप्त समस्याओं का अंत करते हुए, सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पारंपरिक रूप से भूमि पंजीकरण की जटिल प्रक्रिया, जिसमें लंबी कतारों में प्रतीक्षा, सरकारी कार्यालयों के अनगिनत दौरे और धोखाधड़ी की आशंकाएं शामिल थीं, अब अतीत की बात हो गई है। 1 जनवरी 2025 से लागू नई व्यवस्था ने भूमि पंजीकरण को एक आधुनिक, पारदर्शी और सुरक्षित प्रक्रिया में बदल दिया है।

भूमि पंजीकरण में डिजिटल क्रांति

नई व्यवस्था के अंतर्गत संपत्ति पंजीकरण पूर्णतः डिजिटल हो गया है। अब नागरिकों को रजिस्ट्रार कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकारों के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लॉगिन करके सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड किए जा सकते हैं। दस्तावेज़ों की जांच पूर्ण होने के पश्चात् तत्काल डिजिटल हस्ताक्षर और प्रमाणपत्र प्राप्त हो जाता है।

यह नवीन प्रणाली न केवल तीव्र है बल्कि इसमें मानवीय त्रुटियों और नकली दस्तावेज़ों की संभावना भी न्यूनतम है। डिजिटल पंजीकरण से मध्यस्थों की आवश्यकता समाप्त हो गई है, जिससे आम जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और इससे भ्रष्टाचार की संभावनाएं काफी कम हो गई हैं।

आधार आधारित पहचान सत्यापन की अनिवार्यता

नए नियमों के अनुसार प्रत्येक संपत्ति पंजीकरण में आधार कार्ड का संयोजन अनिवार्य कर दिया गया है। इस व्यवस्था से क्रेता और विक्रेता की पहचान बायोमेट्रिक तकनीक से सुनिश्चित की जाती है, जिससे फर्जी पहचान वाले लेन-देन की रोकथाम होती है।

यह भी पढ़े:
Bank FD Scheme 5 साल की FD पर अब मिलेगा शानदार रिटर्न! सीनियर सिटीजन को मिल रही खास छूट Bank FD Scheme

इसके अतिरिक्त बेनामी संपत्तियों की पहचान करना भी सरल हो गया है। यदि किसी व्यक्ति का आधार कार्ड लिंक नहीं है तो उसकी पंजीकरण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। यह व्यवस्था संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी के मामलों में महत्वपूर्ण कमी लाएगी।

पंजीकरण प्रक्रिया की वीडियो प्रलेखन

2025 से प्रत्येक पंजीकरण की वीडियो प्रलेखन अनिवार्य कर दी गई है। इस नियम के तहत संपूर्ण पंजीकरण प्रक्रिया का वीडियो निर्माण किया जाता है, जिसमें क्रेता और विक्रेता दोनों की उपस्थिति आवश्यक है। इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि किसी भी विवाद की स्थिति में यह वीडियो एक ठोस प्रमाण के रूप में कार्य कर सके।

इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता आती है और लोगों को कानूनी संरक्षण मिलता है। भविष्य में यदि कोई विवाद उत्पन्न होता है तो यह रिकॉर्डिंग न्यायालय में प्रस्तुत की जा सकती है।

यह भी पढ़े:
10वीं पास छात्रों को मिलेंगे 10 हजार रूपये, ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन Vidyadhan Scholarship 2025

डिजिटल भुगतान प्रणाली

भूमि पंजीकरण हेतु आवश्यक शुल्क और स्टांप शुल्क का भुगतान अब पूर्णतः ऑनलाइन किया जा सकता है। इसके लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या UPI का उपयोग किया जा सकता है। यह व्यवस्था नकद लेन-देन की आवश्यकता को समाप्त करती है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना काफी कम हो जाती है।

ऑनलाइन भुगतान के तुरंत बाद रसीद प्राप्त हो जाती है जो आगे की प्रक्रिया के लिए आवश्यक होती है। यह संपूर्ण प्रणाली न केवल सुरक्षित है बल्कि समय की भी महत्वपूर्ण बचत करती है।

संपत्ति पंजीकरण में अन्य महत्वपूर्ण अपडेट

नए नियमों के तहत प्रत्येक संपत्ति को एक विशिष्ट संपत्ति पहचान संख्या प्रदान की जाएगी, जिससे उसकी निगरानी सरल हो जाएगी। अब इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग का उपयोग किया जाएगा, जिससे नकली स्टांप पेपर की समस्या समाप्त हो जाएगी।

यह भी पढ़े:
Senior Citizen Concessions सीनियर सिटीजन के लिए ख़ुशख़बरी रेलवे में मिलेंगी ये 2 नई स्पेशल सुविधाएं Senior Citizen Concessions

सभी अभिलेख अब डिजिटल प्रारूप में सरकारी पोर्टल पर संग्रहीत किए जाएंगे, जिन्हें कभी भी एक्सेस किया जा सकता है। महिलाओं को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार दिया गया है और विवाहित महिलाओं को पति की संपत्ति पर अधिकार प्राप्त होगा।

विशेष रूप से कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकरण शुल्क मात्र ₹50 से शुरू किया गया है, जिससे निम्न आय वर्गीय परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ होगा।

चरणबद्ध पंजीकरण प्रक्रिया

नई व्यवस्था में पंजीकरण की प्रक्रिया अत्यंत सरल है। सर्वप्रथम राज्य सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर लॉगिन करना होता है और आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, विक्रय विलेख और नक्शा अपलोड करना होता है।

यह भी पढ़े:
क्या वाकई बंद हो जाएंगे 500 रुपए के नोट, RBI का नया अपडेट RBI’s new update

इसके पश्चात् ऑनलाइन शुल्क का भुगतान करना होता है। फिर आधार कार्ड का सत्यापन OTP या बायोमेट्रिक के माध्यम से किया जाता है। पंजीकरण की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है और अंत में डिजिटल प्रमाणपत्र प्राप्त होता है।

पंजीकरण के दौरान सावधानियां

पंजीकरण करते समय सदैव सरकारी पोर्टल का ही उपयोग करना चाहिए। दस्तावेज़ अपलोड करते समय यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी जानकारी सटीक हो। आधार कार्ड लिंकिंग अनिवार्य है, इसलिए पहले से ही लिंकिंग करवा लेना उचित है।

वीडियो रिकॉर्डिंग के समय क्रेता और विक्रेता दोनों की उपस्थिति आवश्यक है। ऑनलाइन भुगतान के बाद रसीद को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करना चाहिए। यदि कोई एजेंट या मध्यस्थ अधिक धन की मांग करता है तो सतर्क रहना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए।

यह भी पढ़े:
BSNL 4G Network BSNL का धमाका! इन 10 शहरों में शुरू हुआ 4G नेटवर्क, अब मिलेगा हाई स्पीड इंटरनेट BSNL 4G Network

यह नई व्यवस्था भारत में संपत्ति पंजीकरण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। डिजिटलीकरण से न केवल समय और धन की बचत हो रही है बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ी है। इससे भूमि विवादों में कमी आएगी और न्यायपालिका पर भी दबाव कम होगा।

आने वाले समय में यह व्यवस्था और भी परिष्कृत होगी और तकनीकी सुधारों के साथ इसकी पहुंच ग्रामीण क्षेत्रों तक भी बढ़ेगी। इससे भारत में संपत्ति के अधिकारों की सुरक्षा मजबूत होगी और निवेश का माहौल भी बेहतर बनेगा।

भूमि पंजीकरण में आए ये बदलाव भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में एक सकारात्मक कदम हैं। डिजिटल तकनीक का उपयोग करके सरकार ने न केवल प्रक्रिया को सरल बनाया है बल्कि इसे अधिक सुरक्षित और पारदर्शी भी बनाया है। यह व्यवस्था आम जनता के लिए वरदान साबित हो रही है और भविष्य में संपत्ति संबंधी लेन-देन को और भी सुविधाजनक बनाएगी।

यह भी पढ़े:
राशन कार्ड की नई लिस्ट जारी! सिर्फ इन लोगों को मिलेगा फ्री राशन Ration Card List

अस्वीकरण: उपरोक्त जानकारी इंटरनेट प्लेटफॉर्म से प्राप्त की गई है। हम इस बात की 100% गारंटी नहीं देते कि यह समाचार पूर्णतः सत्य है। अतः कृपया सोच-समझकर और उचित सत्यापन के बाद ही किसी भी प्रक्रिया का पालन करें। संपत्ति पंजीकरण से संबंधित नवीनतम और आधिकारिक जानकारी के लिए संबंधित राज्य सरकार की वेबसाइट या कार्यालयों से संपर्क करें।

Leave a Comment

Join Whatsapp Group