RBI’s new rule भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो अपनी EMI (मासिक किस्त) समय पर नहीं भर पाते। इन नियमों का मकसद बैंकों की रिकवरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना, ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करना और समय पर भुगतान को बढ़ावा देना है। आइए, जानते हैं इन नए नियमों की पूरी जानकारी, जुर्माने की प्रक्रिया, और लोन धारकों के लिए जरूरी सुझाव।
क्या है नया नियम?
RBI के नए निर्देशों के अनुसार, अगर कोई लोनधारक अपनी EMI समय पर नहीं चुकाता है, तो उसे हर महीने ₹2,000 तक का फाइन देना पड़ सकता है। यह फाइन EMI की रकम और देरी की अवधि के आधार पर तय होगा। इस नियम का मुख्य उद्देश्य बैंकों को समय पर भुगतान दिलाना और डिफॉल्ट के मामलों को कम करना है124।
जुर्माने की गणना कैसे होगी?
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जुर्माना EMI की राशि और देरी के दिनों के हिसाब से तय किया जाएगा।
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आम तौर पर ₹1,000 से ₹2,000 तक का फाइन प्रति EMI चूक पर लगाया जा सकता है।
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यह फाइन सीधे अगली EMI में जोड़ दिया जाएगा या अलग से वसूला जाएगा।
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ग्राहक को जुर्माने की सूचना SMS या ईमेल के जरिए दी जाएगी124।
EMI चूकने पर और क्या हो सकता है?
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अगर कोई लगातार EMI चूकता रहता है, तो बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित कर सकता है।
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डिफॉल्टर बनने से ग्राहक का CIBIL स्कोर गिर सकता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो जाएगा।
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अगर जुर्माना भी समय पर नहीं भरा गया तो बैंक उस पर भी ब्याज लगा सकता है, जिससे कुल लोन लागत और बढ़ जाएगी25।
ग्राहकों के अधिकार और सुरक्षा
RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब कोई भी बैंक या उसका एजेंट ग्राहक को परेशान नहीं कर सकता। रिकवरी एजेंट्स द्वारा धमकी देना, अभद्र भाषा का प्रयोग करना या घर जाकर अपमानित करना अब सख्त मना है। अगर कोई एजेंट ऐसा करता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी बैंक की होगी और बैंक पर भी कार्रवाई की जा सकती है37।
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बैंक या एजेंट सुबह 7 बजे से पहले और रात 7 बजे के बाद संपर्क नहीं कर सकते।
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रविवार या छुट्टी के दिन घर आकर परेशान करना भी प्रतिबंधित है।
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बिना नोटिस या अनुमति के घर में घुसना, सामान उठाना या जोर-जबरदस्ती करना अब अपराध माना जाएगा37।
EMI मिस हो जाए तो क्या करें?
अगर किसी महीने आपकी EMI नहीं कट पाई है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। बैंक तुरंत आपकी संपत्ति जब्त नहीं करेगा। आपको पहले 90 दिन तक नोटिस और रिमाइंडर भेजे जाएंगे। इस दौरान आप बैंक से बात करके विकल्प निकाल सकते हैं, जैसे:
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लोन की अवधि बढ़वाना
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EMI की रकम घटवाना
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कुछ महीनों तक राहत लेना
बैंक भी चाहते हैं कि लोन वापस मिले, इसलिए बातचीत का रास्ता हमेशा खुला होता है37।
नीलामी और वसूली की प्रक्रिया
अगर लगातार कई किश्तें नहीं दी जाती हैं, तो भी बैंक आपकी संपत्ति तुरंत जब्त नहीं कर सकता। इसके लिए बैंक को पहले लिखित नोटिस देना जरूरी है, फिर कानूनी प्रक्रिया शुरू करनी होती है। नीलामी के लिए भी बैंक को 30 दिन पहले नोटिस देना होगा और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से करनी होगी। अगर नीलामी में प्रॉपर्टी की कीमत ज्यादा मिलती है, तो बची रकम ग्राहक को वापस करनी होगी3।
लोन लेने वालों के लिए जरूरी सुझाव
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EMI की तारीख याद रखें और ऑटो डेबिट सुविधा का इस्तेमाल करें ताकि किस्त अपने आप कट जाए।
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लोन लेते समय अपनी भुगतान क्षमता को ध्यान में रखकर ही EMI तय करें।
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किसी भी इमरजेंसी के लिए सेविंग अकाउंट में बैकअप रकम रखें।
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बैंक की EMI Reminder सर्विस को एक्टिव रखें।
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अगर किसी महीने किस्त भरने में दिक्कत हो, तो बैंक से तुरंत संपर्क करें और समाधान तलाशें57।
नए नियमों का उद्देश्य
RBI का मानना है कि इन सख्त नियमों से लोग समय पर किस्त चुकाएंगे और बैंकों का बकाया भी सुरक्षित रहेगा। साथ ही, ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा होगी और उन्हें मानसिक उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ेगा37।
नोटिस, पेनल्टी और CIBIL स्कोर
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EMI में देरी पर जुर्माना पारदर्शी तरीके से लगाया जाएगा और इसकी सूचना ग्राहक को दी जाएगी।
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बार-बार EMI चूकने से CIBIL स्कोर पर असर पड़ेगा, जिससे भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है।
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जुर्माना न भरने पर उस पर भी ब्याज लग सकता है, जिससे लोन की कुल लागत बढ़ जाएगी25।
RBI के नए नियम लोन लेने वालों के लिए अनुशासन, पारदर्शिता और सुरक्षा लेकर आए हैं। अब EMI चूकने पर निश्चित जुर्माना लगेगा, लेकिन बैंकों या एजेंट्स की मनमानी नहीं चलेगी। ग्राहक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें, समय पर किस्त भरें और किसी भी समस्या की स्थिति में बैंक से संवाद करें।
डिस्क्लेमर
यह जानकारी इंटरनेट प्लेटफॉर्म से ली गई है। हम इस खबर की 100% सत्यता की गारंटी नहीं देते। कृपया कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने बैंक या RBI की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी की पुष्टि अवश्य करें।